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एएबी समाचार / मध्यप्रदेश में  सभी नगरीय निकायों में लालफीताशाही खत्म करने के प्रयास किये जा रहे हैं। यहाँ पहली बार सभी के हित में रियल एस्टेट पॉलिसी बनाई गई है। पंजीयन , म्यूटेशन और स्टॉम्प डयूटी सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिये एकल खिड़की व्यवस्था  बनाई गयी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने मैग्नीफिसेंट एमपी इन्वेस्टर्स समिट-2019 के समानांतर सत्र 'अर्बन मोबिलिटी एण्ड रियल एस्टेट' में यह बातें कहीं। श्री सिंह ने कहा कि शहरों में अगले 5 वर्ष में लगभग एक लाख 8 हजार 722 करोड़ की लागत के विभिन्न विकास कार्य करवाये जायेंगे।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में पहली बार भवन निर्माताओं  को प्रोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कलेक्टर गाइड लाइन के रेट में कमी की है। नजूल की एनओसी 30 दिन में देने का प्रावधान किया गया है। सिंह ने कहा कि नई रियल एस्टेट पॉलिसी में 2 हेक्टेयर से कम जमीन में भी कॉलोनी बनाने की अनुमति दी गई है।
एक राज्य -एक पंजीयन
श्री सिंह ने बताया कि कॉलोनाइजर्स के लिये एक राज्य -एक पंजीयन  की व्यवस्था की गई है। इसका हर 5 साल में नवीनीकरण करवाना होगा। भू-उपयोगिता प्रमाणपत्र  ऑनलाईन मिलेंगे। बड़े शहरों के पास सेटेलाईट टाउनशिप विकसित करने के साथ ही शहरों का विस्तारीकरण भी किया जायेगा। श्री सिंह ने कहा कि बड़े उद्योग हर जगह नहीं है, लेकिन बिल्डर सभी शहरों में है। इनको प्रोत्साहित करना जरूरी है।
तीव्र रेल परिवहन
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेट्रो ट्रेन के साथ ही तीव्र रेल परिवहन पर भी काम किया जायेगा। मेट्रो ट्रेन शहर के अंदर और रैपिड रेल दो शहरों के बीच चलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि अगले 5 साल में शहरों में 2 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चलाई जायेंगी। इसके लिये नई ई-वाहन  नीति  बनाई गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों में टैक्स मात्र एक प्रतिशत लगेगा।
रेरा के अध्यक्ष  अंटोनी डिसा ने कहा कि प्रदेश में नागरिकों, कॉलोनाइजर्स और निवेशकों के हित में अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं। उन्होंने कहा कि रेरा का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को मकान का अधिग्रहण समय पर दिलवाना है। डिसा ने बताया कि अब कालोनियों में रहवासी संघर्ष समिति के स्थान पर रहवासी सहयोग समिति गठित हो रही हैं।
भवन अनुमति के  लिये 27 के स्थान पर मात्र 5 दस्तावेज
प्रमुख सचिव  संजय दुबे ने एमपी भू सम्पदा नीति -2019 और ई-वाहन नीति  की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अब भवन अनुमति  के लिये 27 के स्थान पर मात्र 5 दस्तावेज  लगेंगे। 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित कालोनियों में वाणिज्यिक  गतिविधियों के लिये निर्धारित शर्तों पर अनुमति दी जायेगी। बंधक भूखंडों को तीन चरण में मुक्त किया जायेगा। कॉलोनियों के चरणबद्ध विकास की अनुमति भी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए  बनाने की बाध्यता नहीं होगी। इसके स्थान पर मिलने वाली राशि का उपयोग गरीबों के मकान बनाने के लिये किया जायेगा। किफायती रहवास के लिये अतिरिक्त एफएआर की अनुमति दी जायेगी। निवेशकों को भूमि पूलिंग की सुविधा मिलेगी। किरायेदारी  को भी प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने विभिन्न योजनाओं में किये जा रहे कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी भी दी।
मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य
चेयरमेन एण्ड मैनेजिंग डायरेक्टर इंडिया सीमेंट्स  एन. श्रीनिवासन ने कहा कि अर्बन मोबिलिटी और रियल एस्टेट के मामले में मध्यप्रदेश पॉयनियर स्टेट है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राइट ट्रेक पर चल रहा है। श्री श्रीनिवासन ने बताया कि अभी 32 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। जल्दी ही यह प्रतिशत 40 होगा। उन्होंने कहा कि मेट्रो शहरों के लिये विकास की कुँजी है। श्री श्रीनिवासन ने कहा कि शहरों में बेहतर जीवन , चिकित्सा सुविधाएँ, रोजगार और शिक्षा की बेहतर संभावनाएँ होना जरूरी है। वक्ताओं ने श्रोताओं की शंकाओं का समाधान भी किया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार  श्रीनिवासन जैन ने किया

 एबीबी समाचार / मप्र में " रेरा " अधिनियम  को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने आवासीय परियोजनाओं के मालिकों ,मध्यस्थों व अभिकर्ताओं  पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है I सागर शहर में भी हर दिन किसी न किसी नई कॉलोनी के निर्माण की जानकारी लुभावने सौगातों व छूट के वायदों के साथ विज्ञापनों के रूप में सामने आ रहीं हैं I घर खरीदने में किसी भी प्रकार की धोखा- धडी होने की हालत में पीड़ित रेरा की शरण में जा सकते हैं I इस काम में रेरा प्राधिकरण ने आम जनता का सहयोग लेना भी शुरू किया है I इस सिलसिले में प्राधिकरण ने अपने व्हाट्सएप नंबर ,ईमेल का पता व कार्यालय के पते की आम जनता को जारी की है ताकि लोग इन माध्यमों से उनके शहर में सक्रिय अपंजीकृत आवासीय कॉलोनियों के निर्माता, अभिकर्ता (एजेंट)  व मध्यस्थ (ब्रोकर ) की जानकारी रेरा प्राधिकरण को दी जा सके I
रेरा यानि भू -सम्पदा विनियामक प्राधिकरण ( रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ) के मुताबिक प्रदेश में अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी प्राप्त करने के लिए भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने पुरस्कार योजना लागू की है। यह योजना 31 दिसम्बर 2019 तक जारी रहेगी। योजना के तहत अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी देने वाले आम आदमी को पुरस्कृत किया जायेगा। जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा। जानकारी सही होने पर कॉलोनी और एजेंट पर रेरा की धारा-59 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। अपंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी देने पर 1400 रुपये तथा अंपजीकृत एजेंट की जानकारी देने पर 700 रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। प्रदेश के पंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी रेरा की वेबसाइट www.rera.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई है। प्राधिकरण द्वारा ऐसे प्रकरणों में अभी तक दो करोड़ रूपये से अधिक जुर्माना किया जा चुका है।
अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी वाट्सएप नम्बर- 8989880123, ई-मेल आईडी- rera.reward@gmail.com] दूरभाष नम्बर- 0755-2557955 और डाक से सचिव (रेरा), रेरा भवन, मेन रोड नं.-1 भोपाल (म.प्र.) 462016 पते पर दी जा सकती है।
 प्रदेश में रेरा एक्ट लागू होने के बाद आवासीय योजनाओं  तथा सम्पत्ति की  बिक्री के काम में लगे सभी अभिकर्ताओं और मध्यस्थों  को रेरा में पंजीयन कराना जरूरी हो गया है। ऐसा न करने पर प्रतिदिन 10 हजार रूपये जुर्माना देना होगा। अभी तक करीब 2३८६  परियोजनाओं का ही रेरा में पंजीयन हुआ है, जो अपेक्षाकृत कम हैं।
प्रदेश में रेरा एक्ट लागू होने के बाद आवासीय योजनाओं  तथा सम्पत्ति की  बिक्री के काम में लगे सभी अभिकर्ताओं और मध्यस्थों  को रेरा में पंजीयन कराना जरूरी हो गया है। ऐसा न करने पर प्रतिदिन 10 हजार रूपये जुर्माना देना होगा। अभी तक करीब 2३८६  परियोजनाओं का ही रेरा में पंजीयन हुआ है, जो अपेक्षाकृत कम हैं।

रेरा एक्ट के प्रावधान

मई 2017 में प्रदेश में रेरा एक्ट के लागू होने के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है। आवासीय प्रोजेक्ट के लिये पंजीयन कराने के अलावा हर तीन माह में प्रोजेक्ट का प्रगति प्रतिवेदन देना अनिवार्य हो गया है। रेरा एक्ट मूलतः आवंटी केन्द्रित है। समय पर प्रोजेक्ट को पूरा न करने पर अब आवंटितों को मुआवजा भी देना पड़ेगा।