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 एएबी समाचार । केंद्र सरकार ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में व्‍यापारियों से प्रधानमंत्री की ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देने की अपील का उल्लेख करते हुए बताया कि एक अनुमान से लगभग 10 लाख करोड़ रूपये के बराबर के आयातों का आसानी से स्‍वदेशी रूप से उत्‍पादित वस्‍तुओं के साथ पूर्ती  की जा सकती  है ।

 MAKE IN INDIA : व्यापारी ग्राहकों को भारत में बने उत्पाद खरीदने करें जागरूक

 केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री  पीयूष गोयल राष्‍ट्रीय व्‍यापारी दिवस के अवसर पर व्‍यापारी समुदाय से वर्चुअल तरीके से बातचीत करते हुए कहा कि ग्राहक जागरूकता अभियान आरंभ करना चाहिए, जिससे कि लोग मेक इन इंडिया वस्‍तुओं को खरीदें।  मंत्री ने व्यापारियों से भ्रष्‍ट व्‍यवसायायों तथा व्‍यापारियों का पर्दाफाश करने में व्हिसिल ब्‍लोअर के रूप में कार्य करने को कहा जो शत्रु देशों से घटिया गुणवत्‍ता वाली वस्‍तुओं का आयात करने पर आमादा है।


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MAKE IN INDIA : देश की अर्थव्यवस्था को बनाएगा आत्मनिर्भर 

व्‍यापारिक समुदाय के आत्‍मनिर्भर भारत अभियान से काफी लाभान्वित होने की उम्मीद जताते हुए श्री गोयल ने व्यापारियों से कहा कि भारत में बनी अच्‍छी गुणवत्‍ता वाली वस्‍तुएं बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों में बिकेगी, जिससे कीमतों में कमी आयेगी और हमारे उत्‍पादों को अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में प्रतिस्‍पर्धी बनायेगी।
 

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MAKE IN INDIA :  भारत में बने उत्पादों को बढाया देने के उत्पादों के आयात पर लगी पाबन्दी

इससे न केवल अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन होगा बल्कि लोगों में समृद्धि आयेगी और उनकी क्रय शक्ति‍ बढ़ेगी । उन्‍होंने कहा कि सरकार ने पहले ही कई आयातित मदों जैसे- अगरबत्‍ती, खेल के सामान, टीवी, टेलीफोन, टॉयर आदि पर प्रतिबंध लगा रखा है जिन्‍हें हमारे देश में आसानी से उत्‍पादित किया जा सकता है।
 

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उन्होंने कोविड महामारी के दौरान और विशेष रूप से लॉकडाउन अवधि में इस देश के प्रत्‍येक हिस्‍से में अनिवार्य वस्‍तुओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने में व्‍यापारियों की भूमिका की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कठिन समय में व्‍यापारियों द्वारा निभाई गई महत्‍वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार किया है तथा मन की बात में इसका उल्‍लेख किया है। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापारियों ने उपभोक्‍ताओं एवं उत्‍पादकों के बीच एक महत्‍वपूर्ण सेतु के रूप में काम किया है।
 

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मंत्री श्री गोयल ने व्‍यापारियों से ऐसी टीमों के गठन करने की अपील की जो देश के विभिन्‍न हिस्‍सों तथा विभिन्‍न व्‍यापारों से सुझाव एकत्रित कर सकें। उन्‍होंने कहा कि एक ही फार्मूला हर जगह लागू नहीं किया जा सकता इसलिए विशिष्‍ट अनुशंसाएं की जानी चाहिए। सरकार ऐसी सभी अनुशंसाओं पर सहानुभूतिपूर्ण एवं विवेक सम्‍मत तरीके से गौर करेगी ।
 

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उन्‍होंने कहा कि लाईसेंसों को ऑनलाइन जारी करना, लाईसेंस शुल्‍क का ऑनलाइन भुगतान, लाईसेंसों की लंबी अवधि, कानूनों का गैर-अपराधीकरण, कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विशिष्‍ट शक्तियों को समाप्‍त करना तथा नियमों का सरलीकरण व्‍यापारियों की वास्‍तविक मांगे हैं। तथापि उन्‍होंने समुदाय को उनके भीतर के ऐसे तत्‍वों की पहचान करने तथा उन्‍हें अलग-थलग करने के प्रति सावधान किया जो गलत आचरण करते हैं और प्राधिकारियों द्वारा दिये गये लाभों तथा छूटों का दुरूपयोग करने के जरिये व्‍यापारिक समुदायों को बदनाम करते हैं।
 

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मंत्री ने व्‍यापारिक समुदाय को पूर्ण सहायता का आश्‍वासन दिया और कहा कि सरकार ने उनकी राहत के लिए विभिन्‍न पहलों की घोषणा की है, जिनमें कई हाल में घोषित आत्‍मनिर्भर योजना में शामिल है। उन्‍होंने कहा कि रेलवे ने पार्सल, ट्रेन, किसान ट्रेन चलाने, मालगाडि़यों की तेज आवाजाही, गुड्स शेड का उन्‍नयन, विभिन्‍न रेल कार्यालयों में बिजनेस डवलेपमेंट सेल खोलने सहित कई कदम उठाये हैं जो वस्‍तुओं की आसान तथा किफायती आवाजाही में सहायता करेगी।
 

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 गोयल ने व्‍यापारिक समुदाय को आश्‍वासन दिया कि जल्‍द ही राष्‍ट्रीय व्‍यापारी कल्‍याण बोर्ड का गठन किया जायेगा। उन्‍होंने व्‍यापारियों से अपील की कि वे अपने कर्मचारियों को भी व्‍यापारी पेंशन स्‍कीम में शामिल करें। मंत्री ने व्‍यापारियों को सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। 

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एएबी समाचार । अडानी समूह  आटा, चावल, पेप्सिको आलू और कोका कोला संतरे-आम निर्माण इकाई में करेंगे निवेश अडानी विल्मर अपने फार्चून आटे के व्यापार में प्रदेश में बड़ा निवेश करेगा। विदिशा में सोयाबड़ी और बासमती चावल प्र-संस्करण में निवेश हो रहा है । 

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 पेप्सिको ने मध्यप्रदेश से हर वर्ष 110 करोड़ मूल्य के आलू की खरीदी को भविष्य में दोगुना करने को कहा। आलू से जुड़े उत्पादों की इकाई भी पेप्सिको प्रदेश में स्थापित करेगी।कोका कोला कंपनी ने संतरा और आम का ताजा रस बनाने की निर्माण इकाई स्थापित करने और इसमें निवेश के प्रति सहमति व्यक्त की। 

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मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए नई दिल्ली में औद्योगिक गोल मेज सम्मलेन के दूसरे सत्र में जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर और भोपाल में फल और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जल्द ख़राब होने वाले उत्पादों के लिए केंद्र   की स्थापना की जाएगी। इसी तरह, कृषि विपणन के क्षेत्र में हुए बदलावों के अनुरूप मण्डी अधिनियम में भी संशोधन किए जाएंगे। 
कान्फ्रेंस में खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र से जुड़े प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा में उनकी उद्योग अनुकूल और प्रभाग अनुसार  नीतियों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए मध्यप्रदेश में निवेश के प्रति गहरी दिलचस्पी दिखायी। अडानी ग्रुप, पेप्सिको और कोका कोला कंपनी ने प्रदेश में निवेश की घोषणाएँ भी की। 

मध्यप्रदेश को बनाया जाएगा देश की उद्यानिकी राजधानी

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की उद्यानिकी राजधानी बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यही एक मात्र एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके जरिए हम अपनी अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं। किसानों की आय को दोगुना कर सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए हम प्रदेश में एक अलग नीति बनाने जा रहे हैं, जो उद्यानिकी फसलों के साथ-साथ इस क्षेत्र से जुडे़ निवेश को प्रदेश में प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने उद्योगपतियों से कहा कि वे मध्यप्रदेश को उद्यानिकी राजधानी बनाने में सहयोग करें। उन्होंने उद्योगपतियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए बने अनुकूल वातावरण का लाभ उठाते हुए रोजगार और विकास के क्षेत्र में सहयोग करें।
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कान्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती ने राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली रियायतों का प्रस्तुतिकरण करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने उद्योग के  विभिन्न सेक्टरों के लिए अलग-अलग नीतियाँ बनायी हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसके पास कर से जुड़ी नीति है। श्री मोहंती ने बताया कि 400 हेक्टेयर क्षेत्र भूमि पूलिंग नीति बनाने वाला भी मध्यप्रदेश पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के पास ऊर्जा क्षेत्र  के लिए छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना  नीति  है। प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा ने भी उद्योग से जुड़ी जानकारियाँ दी।
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एक दिवसीय गोलमेज सम्मलेन  में कपड़ा और परिधान क्षेत्र से लगभग 65 उद्योगपति तथा खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र से जुड़े लगभग 50 से ज्यादा उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री के साथ संवाद किया। इनमें प्रमुख कंपनियाँ ट्राइडेंट, गोकल दास एक्सपोर्ट, मयूर यूनिकोटर्स, प्रतिभा सिनटेक्स, रेमण्ड, पर्ल फैशन, काजो तथा खाद्य प्र-संस्करण से जुड़े उद्योग अडानी, पेप्सी, कोका कोला, हल्दी राम, आईटीसी, यूनीलिवर, कारगिल इंडिया, फरेरो, ब्लू स्टार एवं डेन्टॉस शामिल हैं।

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एएबी समाचार । राज्य शासन ने उद्योग सवंर्धन नीति में नवीन संशोधन/प्रावधान करते हुए औद्योगिक इकाइयों को अतिरिक्त सुविधाएँ देने का निर्णय लिया है। साथ ही, औद्योगिक इकाइयों में प्रदेश के स्थायी निवासियों को 70 प्रतिशत रोजगार दिया जाना अनिवार्य किया गया है।
प्रदेश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने से वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता निरंतर दिये जाने के संबंध में प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश की नई सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी भी लागू कर दी है।
राज्य सरकार ने जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह मुम्बई को इन्दौर से रेल मार्ग द्वारा जोड़ने के लिये इक्विटी अंशदान के रूप में 15 प्रतिशत की सहभागिता सुनिश्चित की है। इसमें इंदौर से मनमाड़ तक रेल परियोजना का क्रियान्वयन होगा। परियोजना से प्रदेश में उत्पादित माल का परिवहन सुगम हो सकेगा। औद्योगिक इकाइयों को उनके परिसरों में रूफटॉफ पर सौर फोटोवोल्टाईक पावर प्लांट के माध्यम से हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है। इसके पहले चरण में मंडीदीप और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।


TataCliq [CPS] INएएबी समाचार / देश में वर्ष २०१९ का औद्योगिक सूचकांक पिछले साल के मुकाबले ४.३ फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह १२३.३ अंक रहा विनिर्माण के अन्य क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़े भी काफी निराशाजनक तस्वीर पेश करते नजर आ रहे हैं
सितम्बर, 2019 में खननविनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर, 2018 के मुकाबले क्रमश: खनन क्षेत्र में (-) 8.5 फीसदी,  विनिर्माण क्षेत्र में (-) 3.9 फीसदी तथा  बिजली क्षेत्रों  में (-) 2.6 फीसदी रही।
उद्योगों की दृष्टि से विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों (दो अंकों वाली एनआईसी-2008 के अनुसार) में  सितम्बर, 2018 की तुलना में  सितम्बर, 2019 के दौरान  उद्योग समूह ‘मोटर वाहनोंट्रेलरों एवं सेमी-ट्रेलरों के विनिर्माण’ ने (-) 24.8 प्रतिशत की सर्वाधिक ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद के फर्नीचर के विनिर्माण' क्षेत्र में  (-) 23.6 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह मशीनरी और उपकरणों को छोड़ गढ़े हुए धातु उत्पादों के विनिर्माण’ ने (-) 22.0 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। हालाँकि विनिर्माण के २३ में से 6 समूहों ने  सितम्बर, 2018 की तुलना में  सितम्बर, 2019 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इस दौरान  लकड़ी एवं लकड़ी उत्‍पादों व कार्क के विनिर्माण’ 15.5 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद बुनियादी धातुओं के विनिर्माणका नम्बर आता है जिसने 9.2 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है।
उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार सितम्बर, 2019 में  पूंजीगत सामान  की उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर 2018 की तुलना में प्राथमिक वस्‍तुओं (प्राइमरी गुड्स) के क्षेत्र में (-) 5.1 फीसदी, (-) 20.7 फीसदी, मध्‍यवर्ती वस्तुओं के क्षेत्र में  -7.0 फीसदी और  बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्‍तुओं के क्षेत्र में (-) 6.4 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल हैइनकी उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर, 2019 में (-) 9.9 फीसदी रही है। इसी तरह गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर, 2019 में (-) 0.4 फीसदी रही।