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एएबी समाचार /  किसान के भू-अभिलेख  में अब उसकी जानकारी के बिना कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा I अगर कहीं भी ,कोई भी ऐसी कोशिश करता है तो बद्लाव की जानकारी किसान को तुरंत उसके मोबाइल पर  मिल जाएगी I इतना ही नहीं किसान अब अपने मोबाइल पर घर व खेत में बैठे -बैठे भी अपनी जमीन से जुडी जानकारी देख सकेगा I
 यह व्यवस्था  सरकार द्वारा हाल ही अद्यतन किये  गए किसान एप से संभव हुए है । इसको लेकर जल्द ही जिले में भी राजस्व अधिकारी प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों तक पहुंचाएंगे। शासन स्तर से अधिकारियों को यह निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं, कि किसान एप से जिले के अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए। जानकारी के अनुसार प्रदेश के दूसरे जिलों में इसकी शुरूआत हो चुकी है और किसानों ने एप को डाउनलोड करना भी शुरू कर दिया है।
- कैसे  मिलेगी सुविधा
जानकारी के अनुसार किसान जैसे ही अपने मोबाइल में एप डाउनलोड करेगा तो इस पर अपना मोबाइल नंबर डालना होगा, जिसके बाद हर जानकारी उसे घर बैठे मिलने लगेगी। इस एप में अब किसान स्वयं बोवनी सहित फसल पैदावार की जानकारी ताज़ा  कर सकेगा। अतिवृष्टि, ओला, पाला आदि की जानकारी भी शासन को इस एप के माध्यम से मिल सकेगी। इससे सरकार के पास हर स्थिति को लेकर सजीव समय  सूचना  होगी । इस एप के माध्यम से सरकार भी किसानों के हित संबंधी जानकारी एप के माध्यम से देगी। किसान फसल बेचने के लिए इसी एप के माध्यम से अपना पंजीयन भी कर सकेंगे।
-  गलत जानकारी जुड़ने किसान खुद ही जानकारी सुधार सकेगा
कई बार यह शिकायतें आती हैं कि किसान ने अपने खेत में जो फसल बोई है सरकारी रेकार्ड में उसकी जगह किसी अन्य फसल को दर्शा दिया गया है। इस एप से किसान बोई गई फसल की जानकारी स्वयं अपडेट कर सकेगा। यदि इसमें किसी प्रकार का फेरबदल होगा तो तुरंत किसान को अलर्ट मिल जाएगा। साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि भू -अभिलेख  में क्या हेराफेरी की गई है।
- यह सुविधाएं भी मिलेंगी
- भू-अभिलेखों की क्रय की गई प्रमाणित प्रति।
- दर्ज राजस्व प्रकरणों की ताज़ा  जानकारी।
- भू-राजस्व का भुगतान कर सकेंगे।
- नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के आवेदन कर सकेंगे।
- अन्य विभागों द्वारा दिए जाने वाले लाभ के आवेदन भी कर सकेंगे।
- वर्शन
किसान एप का उपयोग अभी तक केवल विभागीय अधिकारी-कर्मचारी करते थे, लेकिन अब किसान भी इसे इस्तेमाल कर सकेंगे। वे स्वयं ही अपनी फसल संबंधी, बोवनी, नुकसान आदि को एप पर अद्यतन  कर सकेंगे।
डॉ. नरेंद्र बाबू यादव, तहसीलदार
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